केन्द्र राज्य कर्मचारियों के लगभग 90 प्रतिशत संगठन, एसोसिएशन ,महासंघ, परिषद के नेताओं ने आज कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी, पुरानी पेंशन बहाली मंच,उ.प्र. के बैनर तले विश्वेसरैया प्रेक्षागृह पुरानी पेंशन बचाओं की गठन एवं परिचर्चा मंे उमड़े कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि अब देश का कर्मचारी जाग चुका है। पेंशन पर दोहरा कानून अब स्वीकार नही होगा। जिस तरह से सरकार ने एक नेशन एक टैक्स का फार्मूला अपनाया है उसी तरह उसे वन नेशन वन पेंशन की नीति लागू करनी पड़ेगी।लखनऊ से उठी पुरानी पेंशन बहाली मांग अब कश्मीर से कन्या कुमारी तक नजर आएगी। केन्द्र और राज्य का कर्मचारी पेंशन मुद्दे पर एक हो चुका है। वह पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष की राह पर आगे बढ़ रहा है।
विचार मंथन को मुख्य वक्ता के रूप सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय संयोजक एन.जे.सी.ए. कामरेड शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि यह मंच पुरानी पेंशन बहाली के लिए मील का पत्थर साबित होगा। हम केवल एकजुट होकर पुरानी पेंशन बहाली के लिए तीन माह संघर्ष कर ले तो वह दिन दूर नही जब केन्द्र सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए विवश होना पड़ेगा। विचार मंच गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेश चंद शर्मा ने कहा कि अब पुरानी पेंशन को लेकर एकजुट हुआ केन्द्र और राज्य सरकार का कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के लिए कमर कस चुका है।
सरकार को आगामी चुनाव से पूर्व पुरानी पेंशन बहाली का फैसला लेना ही पड़ेगा। इस दौरान उ.प्र. अधिकारी महापरिषद के प्रधान महासचिव डा. सत्येन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि यह एक एतिहासिक क्षण है जिसमें एक मांग को लेकर कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी सब एक स्वर आवाज उठा रहे है। इतनी संख्या में एक मुद्दे पर आज तक संघर्ष नही हुआ। यह तय है कि यह संघर्ष परिणामी होगा। इस दौरान राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद् के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि हम लम्बे समय से पुरानी पेंशन के लिए संघर्ष कर रहे थे लेकिन आज इस गठन के बाद हम निश्चित तौर से यह मान कर चल रहे है कि हम जल्द ही कामयाब होगें। जल्द ही मंच के वरिष्ठ सदस्य अन्य प्रान्तों का दौरा करने जा रहे है। अध्यक्ष वित विहीन माध्यमिक शिक्षक संघ, शिक्षक विधायक उमेश द्धिवेदी ने कहा कि अब यह मांग किसी एक संवर्ग की नही है, हम पूरी तरह से एकजुट होकर संघर्ष के लिए तैयार है।अध्यक्ष उत्तर प्रदेश माध्यमिक प्रधानाचार्य महासभा और शिक्षक विधायक संजय कुमार मिश्रा ने कहा कि ऐसा कैसे सम्भव होगा कि एक देश में दोहरा कानून अपनाया जाए। जन प्रतिनिधियों को तो पेंशन मिलेगी और वर्षों सरकार और जनता की सेवा करने वालों को पेंशन से वंचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब समय आ चुका है कि सरकार की कर्मचारी विरोध वाली इस नीति का जमकर मुकाबला किया जाए।