लखनऊ : सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को संशोधित रूप में लागू करने की मांग को लेकर आगामी 11 जुलाई से होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल में ट्रेन ड्राइवर और कंट्रोलर भी शामिल होंगे। वर्ष 1974 की हड़ताल के बाद यह पहला मौका होगा जब रनिंग स्टॉफ के एसोसिएशन ने भी हड़ताल में शामिल होने का नोटिस रेलवे को थमा दिया है। 1नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन के राष्ट्रीय संयोजक एवं ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के केंद्रीय महामंत्री शिवगोपाल मिश्र ने रेल राज्यमंत्री मनोज कुमार सिन्हा से मुलाकात की। इस दौरान हड़ताल के समर्थन के लिए अब तक की स्थिति से अवगत भी कराया। शिव गोपाल मिश्र ने बताया कि गुरुवार को ट्रेन ड्राइवरों, कंट्रोलर और स्टेशन मास्टरों के एसोसिएशन ने हड़ताल में शामिल होने का नोटिस दे दिया है। यह अब तय हो गया है कि यदि हड़ताल होती है तो 11 जुलाई की सुबह छह बजे टेनें अपनी जगह खड़ी हो जाएंगी। रेलवे को 75 प्रतिशत ट्रेनों को निरस्त करना पड़ सकता है। सन 1974 में सेना ने ट्रेनें चलाई थी। उस समय ड्राइवरों सहित 17 लाख रेलवे कर्मचारी हड़ताल पर थे। इस बार यह आसान नहीं होगा। इस हड़ताल में 38 लाख केंद्रीय कर्मचारी शामिल हो रहे हैं। जिसमें 13 लाख रेलवे कर्मचारी ही हैं। रेलवे की दोनों राष्ट्रीय स्तर की यूनियनों ने हड़ताल में शामिल होने के लिए मंडल स्तर पर अपनी कार्यकारिणी को एकजुट होने के निर्देश दे दिए हैं। नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के मंडल मंत्री आरके पांडे ने कहा कि हड़ताल हमारा शौक नहीं मजबूरी है।

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