नेशनल कोआर्डिेनेशन कमेटी आफ रेलवे मेन्स स्ट्रगिल ( एनसीसीआर एस)

प्रेस विज्ञप्ति

रेल बचाओ देश बचाओ, हेतु रेलकर्मचारी एक मंच पर संगठित

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नई दिल्ली-18-11-2020

भारतीय रेल के निजीकरण एवं निगमीकरण के विरोध में संघर्ष के लिए राष्ट्रीय समन्वय समिति का गठन

नई दिल्ली , भारतीय रेल देश की सबसे बड़ी नियोक्ता है, जिसमें लगभग 13 लाख नियमित कर्मचारी है,विश्व की नवीनतम अत्याधुनिक,  उच्च शक्ति क्षमता  वाले  रेलवे इंजन एवं कोच समेत सभी  चल-स्टाक लगभग 60 लाख करोड़ के है । भारतीय रेल के पास  पूरे देश में शहरी क्षेत्र के बेशकीमती जमीन सहित कई लाख करोड रुपये का भूस्वामित्व है।

भारतीय रेल की ये वैभवशाली सम्पदा जिसमें उच्च कुशल एवं समर्पित कर्मचारियों की फौज समाहित है, इसमें विगत 165 साल  में लाखों रेल  कर्मचारियों के खून पसीने एवं देश की आम जनता के सम्मत्ति का गौरवशाली इतिहास जुड़ा है, वो भी भारी भरकम सामाजिक दायित्व के बोझ जिसमें अनेकों प्रकार के यात्री टिकट में सब्सिडी एवं अलाभकारी रेलवे रुट पर भी आम आदमी की पहुंच में सुगम, सुरक्षित एवं सुविधाजनक नियमित रेल यात्रा सुलभ कराने के बावजूद है जो राज्य का मूलभूत दायित्व है।

रेल मंत्रालय ने  महत्वूपर्ण एवं लाभकारी 109 रुटों पर  150 निजी रेलगाडियों को चलाने की अपनी  मंशा और योजना घोषित कर दी है। रेल मंत्रालय रेलवे की समस्त उतपादन इकाइयों के निगमीकरण कर उद्योगपतियों को सौपना चाहती है। इन 109 रेलवे रुट पर निगाह डालने से स्पष्ट है कि भारतीय रेल लाभकारी रुटों को निजी ट्रेन आँपरेटर को सौंप रही है और हानि वाले  रुट भारतीय रेल के परिक्षेत्र में रहेंगे । रेल मंत्रालय ने ये भी घोषणा कर दी है कि  30 प्रतिशत माल यातायात एवं 30 प्रतिशत रेलवे स्टेशन निजी आँपरेटरों को सौंप दिए जाएंगे, जिसमें विश्व धरोहर वाला सीएसएमटी स्टेशन भी शामिल है।

उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रेल के सभी संगठन जो रेल कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने एक साथ एक  मंच पर आने का निश्चय किया है, ताकि भारत सरकार के निजीकरण और निगमीकरण की सोच का समुचित  एवं संगठित विरोध किया जा सके। 29 अक्टूबर 2020 को सम्पन्न एतिहासिक बेवीनार में सभी बड़ी यूनियनों एवं केटेगिरिकल एसोसिएशनों के राष्ट्रीय नेतृत्व  ने विस्तृत विचार विमर्श करते हुए निश्चय किया है कि नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी आँफ रेलवे मेन स्ट्रगिल का गठन किया जाए। उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल की 1974 की देशव्यापी हड़ताल में एनसीसीआरएस का गठन किया गया था ।

29 अक्टूबर 2020 के बेवीनार का आयोजन साथी शिवगोपाल मिश्रा महामंत्री, आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन ने किया था, जिसमें श्री  एम राघुवाइया, महामंत्री नेशनल फैडरेशन आँफ इंडियन रेलवे मैन, श्री अशोक शुक्ला, महामंत्री, भारतीय रेल मजदूर संघ, श्री एमएन प्रसाद सेक्रेटरी जनरल, आँल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ  एसोसिएशन,   श्री एस पी सिंह, महामंत्री, आँल इंडिया गार्ड काउंसिल, श्री सुनिल कुमार, सेकेट्ररी जनरल, आँल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन, श्री डी वरा प्रसाद , सेक्रेटरी जनरल, आँल इंडिया ट्रेन कंट्रोलर एसोसिएशन, श्री डा. हेमन्त सोनी, महामंत्री इंडियन रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ आर्गनाइजेशन, श्री आलोक चंद्र प्रकाश, महामंत्री , इंडियन रेलवे सिगनल एंड टेली कम्यूनिकेशन मेंटीनेंस यूनियन, श्री अनुज शुक्ला, महामंत्री, आँल  इंडिया ट्रैक मैन्टेनर्स यूनियन, श्री ए के श्रीवास्तव जोनल सेक्रेटरी , वेस्टर्न रेलवे,आँल इंडिया रेलवे मेन्स कन्फेरेशन, श्री ए मैथ्यू, सेक्रेटरी, कामगार  एकता कमेटी, श्री थीरू मुर्गन एवं  श्री संजय कुमार पांधी, महामंत्री एवं अध्यक्ष,इंडियन रेलवे लोको रनिंग मेन्स आर्गनाइजेशन, श्री प्रमोद डांगे ,महामंत्री रेलवे कर्मचारी ट्रैक मैन्टेनर्स एसोसिएशन, श्री मैथ्यू सैरिक, महामंत्री दक्षिण रेलवे इम्पलाइज यूनियन, श्री हरचंदन सिंह, महामंत्री इंडियन रेलवे टेक्निकल सुपरवाईजर्स एसोसिएशन एवं श्री अशोक कुमार महामंत्री , आँल इंडिया रेलवे एससी एसटी इम्पलाइज एसोसिएशन ने भाग लिया।

विभिन्न यूनियन एवं एसोसिएशनों के सभी वक्ताओं ने श्री शिवगोपाल मिश्रा की अपील का समर्थन करते हुए एनसीसीआरएस के बैनर तले एकजुट होने का समर्थन किया। वक्ताओं का कहना था कि सभी  रेल कर्मचारी एवं उनके परिवार के सदस्य एक साथ अपने सिद्धांतो, झंडों को अलग रखते हुए एक सूत्रीय एजेंडा रेल बचाओ देश बचाओ पर एक साथ सम्मलित हों। हम सभी श्रेष्ठता या हीनता, छोटे या  बड़े की भावनाओं से  अलग हटकर सभी एकजुट होकर निजीकरण एवं उत्पादन इकाइयों के निगमीकरण के विरोध में आगे बढ़ें।

इस एतिहासिक वेबीनार में लगभग शत-प्रतिशत रेलवे के ट्रेड यूनियनों एवं एसोसिएशनों ने  अपनी उपस्थिति सुनिश्चित की और यदि कोई संगठन छूट गया होगा तो उसे भी इसमें  शामिल होने का निवेदन किया जाएगा। सभी वक्ताओं ने कहाकि हमें  सरकार को चेतावनी देनी चाहिए और यदि सरकार नहीं मानें तो 1974 की हड़ताल से भी अधिक व्यापक तैयारी के साथ संघर्ष में जाना चाहिए। 

ये निर्णय लिया गया कि साथी शिवगोपाल मिश्रा महामंत्री आँल  इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन , एनसीसीआर एस के कन्वीनर तथा डा. एम राघुवइया, महामंत्री एनएफआईआर इसके को कन्वीनर होंगे।

शिवगोपाल मिश्रा

कन्वीनर