लखनऊ में लोको शाखा के रिटायर पदाधिकारियो का सम्मान समारोह ! रेल की मुश्किल हालात की गंभीरता को समझे रेलकर्मी : शिवगोपाल मिश्रालखनऊ 9 जनवरी ! भारतीय रेल की मुश्किल दौर की गंभीरता को रेलकर्मचारियो को समझना होगा , अगर समय रहते हम जागरूक नही हुए तो मौजूदा सरकार रेलवे को ही बेच देगी , सब कुछ भूल कर हमें रेल को बचाने की लड़ाई में अपनी पूरी ताकत को झोंक देने के अलावा कोई रास्ता नही है ! AIRF के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा आज यहाँ भारतीय रेल से सेवानिवृत्त होने वाले लोको शाखा के अध्यक्ष और 11 डेलीगेट के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे ! महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहाकि केंद्र की सरकार पूरी तरह किसान और मजदूर विरोधी है। सच्चाई ये है कि सरकार चंद अमीरों के लिए कानून में कुछ भी बदलाव कर रही है, हालात ये हो गए हैं कि जिनके लिए कानून बनाने की बात हो रही है, उनसे पूछा तक नहीं जा रहा है। कहने को सरकार ने कृषि में सुधार के लिए तीन कानून बनाएं है, लेकिन सच्चाई ये है कि इससे किसानों को कोई फायदा होने वाला नहीं है। नाराज किसान महीने भर से दिल्ली की सड़कों पर डेरा डाले हुए है, लेकिन सरकार कुछ भी सुनने को राजी नहीं है। किसानों की सुनवाई करना तो दूर उल्टे उनके आंदोलन को बदनाम करने की साजिश अलग से रची जा रही है।महामंत्री ने कहाकि इसी तरह श्रम कानूनों में बदलाव कर ऐसे प्रावधान कर दिए गए है कि मान्यता प्राप्त यूनियन ही खत्म हो जाएं। इतना ही नहीं आने वाले समय में यूनियन बनाना ही मुश्किल हो जाएगा। हड़ताल की नोटिस देने भर से आप को जेल के पीछे भेज दिया जाएगा। महामंत्री ने कहाकि नए कानून के तहत मान्यता के चुनाव में मस्टररोल का 51 फीसदी वोट पाना जरूरी है, ये नियम वो लोग बना रहे हैं, जो 26 फीसदी वोट पाकर सांसद और मंत्री बने हुए है, लेकिन यूनियन की मान्यता के लिए 51 फीसदी वोट की वकालत कर रहे हैं।महामंत्री ने एक बार फिर युवाओं और महिलाओं का आह्वान करते हुए कहाकि निजीकरण की ओर सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। अगर सरकार अपने मकसद में कामयाब हो गई तो इसका सबसे ज्यादा असर महिलाओं और युवाओं पर ही पड़ने वाला है। इसलिए जरूरी है कि महिला रेलकर्मी और युवा रेलकर्मी लाल झंडे के नीचे लामबंद होकर एक निर्णायक संघर्ष के लिए अभी से तैयार रहें। महामंत्री ने कहाकि वो जहां कहीं भी जाते है, तरह – तरह की मांग की चर्चा तो रेलकर्मचारी करते है, लेकिन संघर्ष के मामले में बात भी नहीं करते । ये गंभीर हालात है, अगर भारतीय रेल बची रहेगी तभी हम अपनी मांगो को लेकर संघर्ष करेंगे, जब भारतीय रेल ही नहीं रहेगी, फिर हमारी मांगो का कोई मतलब नहीं है। इसलिए आज जरूरत है कि आप सभी एक बड़े संघर्ष के लिए खुद तैयार रहें और साथियों को भी तैयार करें।महामंत्री ने दावे के साथ कहाकि सच्चाई ये है कि भारतीय रेल को रेल कर्मचारी ही अच्छी तरह चला सकते हैं, सरकार ने बड़े धूमधाम से तेजस एक्सप्रेस का संचालन प्राईवेट पार्टनर के जरिए शुरु किया, लेकिन तमाम अतिरिक्त सुविधाएं इन्हें देने के बाद भी ट्रेन का संचालन बंद हो गया। इससे भी सरकार नसीहत नहीं ले रही है और 109 रुट पर 151 ट्रेनों का संचालन प्राईवेट पार्टनर के जरिए कराने की तैयारी है। हालाकि आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन ने साफ कर दिया है कि हम इससे संतुष्ट नहीं है और ट्रेनों का संचालन किया गया तो भारतीय रेल का चक्का जाम करने से भी हम पीछे रहने वाले नहीं है।पुरानी पेंशन की बहाली के लिए ये साल निर्णायक होने वाला है, इसीलिए साल के पहले दिन सोशल मीडिया के जरिए एक अभियान की शुरुआत की गई, लेकिन इसका नतीजा संतोषजनक नही रहा ! दुख इस बात का है कि आप लोगों ने बाद में आत्ममंथन भी नही किया की आखिर हम अपने मकसद में कामयाब क्यो नही हो पाए ! बहरहाल 15 जनवरी तक विभिन्न मांगो को लेकर जनजागरण भी देश भर मे किया जा रहा है। इस दौरान हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम एक एक रेलकर्मचारी तक अपनी पहुंच बनाएं और मौजूदा हालात के बारे में उसे जानकारी दें। आज रेल कर्मचारियों को ये समझाने की जरूरत है कि जब रेलकर्मी विपरीत हालात में भी बेहतर सेवा दे रहे है, फिर निजी क्षेत्र को ट्रेनों के संचालन में शामिल करने की जरूरत क्यों है। लोको शाखाध्यक्ष ज्ञान सिंह यादव के रिटायरमेंट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए महामंत्री ने कहाकि अभी तक अध्यक्ष को अपना सरकारी काम भी करना होता था, लिहाजा वो यूनियन को समय कम दे पाते रहे होगे, लेकिन अब उनके पास काफी समय होगा, जिससे संगठन आने वाले समय में और मजबूत होगा। महामंत्री ने कहाकि आज भारतीय रेल में कर्मचारियों की संख्या 12 लाख है जबकि पेंशनर की सख्या 14 लाख के पार हो चुकी है ! महामंत्री ने आगाह किया कि आने वाले समय में हमारी पेंशन भी खतरे में पड़ सकती है, इसलिए पेंशनरों का भी एक मजबूत संगठन होना ही चाहिए ! महामंत्री ने कहाकि इस लोकोशेड की यूनियन के 100 वर्ष पूरे हो चुके है, इसे भी यादगार बनाने की जरूरत है ! सम्मान समारोह को मुख्य रूप से मंडल मन्त्री आर के पांडेय, अरुण गोपाल मिश्रा, उपेंद्र सिंह, केंद्रीय उपाध्यक्ष एस यू शाह, कोषाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव, पूर्व मंडल मंत्री बी डी मिश्रा, सरंक्षक बी के शुक्ला ने सम्बोधित किया ! सेवानिवृत्त शाखाध्यक्ष ज्ञान सिंह ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहाकि यूनियन ने मुझे बहुत कुछ दिया है, अब यूनियन को जब भी मेरी जरूरत होगी मैं हमेशा तैयार रहूंगा ! कार्यक्रम का संचालन शाखामंत्री अनूप वाजपेयी ने किया !

Com. Shiva Gopal Mishra honouring retired Railway Staff at Lucknow on 09.01.2021

Posted by All India Railwaymen's Federation on Saturday, January 9, 2021