नई दिल्ली, 4 नवंबर । नार्दर्न रेलवे मेन्स यूनियन कारखाना मंडल की स्टैंडिग कमेटी की बैठक में महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहाकि युवा रेलकर्मी ही संगठन का भविष्य है, इसलिए इन्हें हर हाल में साथ में जोड़ा जाना चाहिए। महामंत्री ने कहाकि अगर संगठन मजबूत है तो हम हर चुनौती का सामना आसानी से कर सकते हैं। बैठक को केंद्रीय अध्यक्ष एस के त्यागी ने भी संबोधित किया।महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहाकि आमतौर पर हमारी आदत है कि जब हमारे सामने कोई चुनौती आती है, तभी हम संगठनात्मक कार्यों में जुटते है, ये गलत परंपरा है, आज भारतीय रेल के जो हालात है, वो ठीक नहीं है। सच है कि न भारतीय रेल सुरक्षित है और न ही रेलवे में काम करने वाले रेलकर्मचारियों का ही भविष्य सुरक्षित है। महामंत्री ने कहाकि सरकार पूरी तरह कर्मचारी विरोधी काम कर रही है, कर्मचारियों की हर सुविधाओं पर कैंची चलाने का काम किया जा रहा है। कोरोना के दौरान जब रेल कर्मचारी देश की सेवा में जुटे थे, उस वक्त डीए फ्रीज किया गया, बोनस देने में अडंगा लगाया गया, अब नाइट ड्यूटी एलाउंस को लेकर मुश्किल खड़ी की जा रही है।महामंत्री ने कहाकि सरकार एजेंडे में भारतीय रेल के निजीकरण और उत्पादन इकाइयों के निगमीकरण का कार्य प्राथमिकता में है । हालाकि की केंद्र में सरकार कोई भी रही हो, सभी के एजेंडे में रेल का निजीकरण शामिल रहा है, लेकिन एआईआरएफ के सख्त विरोध के चलते अभी तक रेल को बचाए रखा गया, लेकिन मौजूदा सरकार कुछ जल्दबाजी में है। महामंत्री ने आगाह किया कि सरकार की ये भी कोशिश है कि उत्पादन इकाइयों का निगमीकरण करके वहां के करीबी कारखानों को उसी निगम से सम्बद्ध कर दिया जाए। इसे देखते हुए हमें अभी से सावधान रहने की जरूरत है।महामंत्री ने कहाकि चाहे मान्यता का चुनाव हो या रेल को बचाने के लिए संघर्ष की बात हो, इन सबके लिए संगठन का धारदार होना जरूरी है। महामंत्री ने कहाकि आज भारतीय रेल में युवा रेलकर्मचारियों की संख्या काफी अधिक है, युवा रेलकर्मी युनियन के बारे में कम जानते है, ऐसे में हमें एजूकेशन क्लास के जरिए उन्हें यूनियन और यूनियन के संघर्ष के बारे में जानकारी देकर नाँलीजिबल वर्कर तैयार करना जरूरी है। संगठन का भविष्य युवा ही है, इसलिए हर हाल में युवाओं को संगठित करने की जरूरत है।महामंत्री ने कहाकि यूनियन की मान्यता को लेकर प्रस्तावित चुनाव को लेकर मंत्रालय पशोपेश में है। रेलमंत्री जानते हैं कि उनकी पार्टी समर्थित संगठन का प्रदर्शन किसी भी सूरत में बेहतर नहीं हो सकता, लिहाजा वो एक साजिश के तहत चुनाव को लेकर लापरवाह बने हुए है। महामंत्री ने कहाकि फिलहाल आप सब अपनी तैयारी रखें, उन्होंने कहाकि वैसे अगर फिर चुनाव को टालने की कोशिश की गई तो मजबूर होकर हमें कोर्ट का सहारा लेना होगा।केंद्रीय अध्यक्ष एस के त्यागी ने बैठक में कहाकि मंडल से लेकर शाखा स्तर तक संगठन के कार्यों की बेहतर तरीके के समीक्षा कर लेनी चाहिए, अभी से सुनिश्चित करें कि कहीं कोई दिक्कत तो नहीं है, ताकि उसे समय रहते दूर किया जा सके। चुनौतियों से निपटने के लिए हमें मजबूर होकर सरकार से लड़ना ही होगा, हालाकि फैडरेशन ने साफ कर दिया है कि सरकार निजीकरण और निगमीकरण का रास्ता छोड़ दे, वरना कर्मचारी आंदोलन को मजबूर होगे। केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रवीना सिंह ने महिला रेलकर्मियों की चर्चा करते हुए कहाकि जब भी जरूरत पड़ी है, महिलाओं को खुद को बेहतर साबित किया है, अगर महिला रेलकर्मियों को मंडल और शाखा स्तर पर अपेक्षित सहयोग मिलेगा तो महिलाएँ संगठन के काम को और बेहतर अंजाम दे सकती हैं।इस मीटिंग को केंद्रीय उपाध्यक्ष एस यू शाह, कोषाध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव , मंडल मंत्री अरुण गोपाल मिश्रा, अध्यक्ष किशन पहलवान के अलावा शाखा सचिव अनूप वाजपेयी, संजीव कुमार मिश्रा, अभिषेक वाजपेयी, राजीव शर्मा, प्रेम सोनकर, पुष्पेन्द्र शर्मा, अध्यक्ष मणिकांत शुक्ला, दीपक यादव, अंजलि शुक्ला समेत कई और लोगों ने भी संबोधित किया।